गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने राजस्थान की वसुंधरा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की वजह से उन्हें अवैध हिरासत में रखा गया.
उन्होंने कहा कि उन्हें रविवार को जयपुर हवाई अड्डे पर ही करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा गया और वापस अहमदाबाद जाने का दबाव बनाया गया. जिग्नेश मेवाणी नागौर के मेरटा सिटी में एक मीटिंग को संबोधित करने वाले थे. इसके अलावा नागौर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का भी कार्यक्रम था.
इस मामले में पुलिस डीसीपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि मेरटा सिटी के साथ-साथ जयपुर में भी धारा 144 लागू है. वह बिना किसी पूर्व अनुमति के मीटिंग नहीं कर सकते हैं. यही वजह है कि उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया है और हम लोग यहां आदेश की कॉपी देने के लिए इंतजार कर रहे हैं.
जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट किया कि“डीसीपी ने कहा कि आप जयपुर में भी कहीं नहीं आ-जा सकते हैं. ये लोग मुझे जबरन वापस अहमदाबाद भेजना चाहते हैं. यहां कोई प्रेस कॉन्फ्रेन्स भी नहीं करने देना चाह रहे हैं. यह अंचभित करने वाला है.”
If Bhagwat was going at Nagor district of Rajasthan to talk about Manusmriti, Raje would have allowed him. But since I was supposed to talk about the philosophy of baba Saheb Ambedkar they are restricting my movements. Vasundhara ji, hamara bhi vada raha chunav me maza ayenga..
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) April 15, 2018
उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए लिखा, “अगर नागौर में संघ प्रमुख जाकर मनुस्मृति पर भाषण दे सकते हैं. वसुंधरा राजे को भी वहां जाने की इजाजत दी जा सकती है तो मुझे बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के जीवनदर्शन पर बात करने से क्यों रोका जा रहा है. वसुंधरा जी हमारा भी वादा रहा, चुनाव में मजा आएगा.”
जयपुर पुलिस आयुक्त की ओर से जारी आदेश में मेवाणी को सभा में न जाने की वजह के बारे में कहा गया है कि उनके जाने से माहौल बिगड़ सकता है. पुलिस ने जिग्नेश के पिछले भाषणों और कार्यक्रमों के मद्देनजर एहतियातन यह कमद उठाया है.
पुलिस ने यह भी कहा है कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान जयपुर में कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई थी, जिसमें आप भी शामिल थे. इसलिए अगर आप आज प्रस्तावित कार्यक्रम में शामिल होते हैं या भाषण देते हैं तो जयपुर महानगर का सौहार्द्पूर्ण वातावरण प्रभावित होगा और कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है.