कठुआ गैंगरेप मामले में जल्द इंसाफ के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर लिख फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई की मांग की.
इसी के साथ महबूबा सरकार ने इस केस में आरोपी पुलिस वालों को नौकरी से बर्खास्त करने का भी फैसला किया है. बता दें कि यह कोर्ट मामले की 90 दिन में सुनवाई पूरी करेगा. राज्य में यह अपनी तरह का पहला कोर्ट होगा.
राज्य सरकार ने इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मी को भी बर्खास्त करने का फैसला किया है. चार्जशीट के मुताबिक स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया समेत सुरेंदर वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता भी इस मामले में आरोपी हैं.
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि सरकार बच्चियों के साथ होने वाले यौन शोषण को रोकने को लेकर प्रतिबद्ध है और इसके लिए मौत की सजा का प्रावधान वाला कानून बनाएगी. महबूबा ने कहा था कि उनकी सरकार इस मामले में कानून को बाधित नहीं होने देगी और बच्ची के साथ इंसाफ होगा.
मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा था कि मैं पूरे देश को आश्वस्त करना चाहती हूं कि मैं सिर्फ आसिफा के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हूं बल्कि उन अपराधों के लिए अनुकरणीय दंड की मांग करती हूं जिनके क्रूर कृत्य ने मानवता को शर्मसार किया है. उन्होंने कहा कि हम एक और बच्ची को इस तरह से पीड़ित नहीं होने देंगे. हम एक नया कानून लाएंगे जिसमें बच्चियों के साथ यौन शोषण करने वालों के लिए मौत की सजा अनिवार्य होगा ताकि इस मासूम बच्ची का मामला इस तरह का आखिरी मामला रह जाए.
I commend the manner in which the people of Jammu dismissed communal forces & were unwavering in their support for a little girl. It has strengthened my belief that Jammu serves as a model of inclusiveness & together the people of J&K inspire secular unity & righteousness.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 14, 2018