राजस्थान का सियासी संग्राम अब भी जारी है। राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सीएम अशोक गहलोत के प्रस्ताव पर मंजूरी देने से इंकार कर दिया। जिससे अब दोनों के बीच सीधा टकराव देखने को मिल रहा है। इस सबंध में गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र की पीएम मोदी से भी शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि मैंने कल पीएम मोदी से फोन पर बात की और उनको राज्यपाल कलराज मिश्र के बर्ताव के बारे में बताया। साथ ही सात दिन पहले लिखे खत के बार में भी जानकारी दी। इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने कैबिनेट बैठक बुलाकर 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने का प्रस्ताव फिर से राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा।
गहलोत पिछले हफ्ते से ही विधानसभा बुलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वो गवर्नर से कई बार मिल चुके हैं। गहलोत सरकार ने कहा कि उन्हें कोरोना के मद्देनजर 6 बिल को पास कराना है। इस प्रस्ताव को भी कलराज मिश्र ने ठुकरा दिया है और सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं।
प्रिय श्री @narendramodi जी, मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किये जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा।@PMOIndia pic.twitter.com/SQypkHdBBP
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 22, 2020
इससे पहले बीते शुक्रवार को अपने विधायकों को लेकर भी राजभवन पहुंचे थे। यहां उनके साथ पहुंचे विधायकों ने राजभवन के अंदर गहलोत के समर्थन में नारे भी लगाए थे, जिसपर राज्यपाल ने गुस्सा दिखाया था। गहलोत ने अपने विधायकों को राजभवन की परेड पर ले जाने के पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि राज्यपाल ऊपरी दबाव में काम कर रहे हैं।
उन्होंने शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद फिर राज्यपाल से मिलने का फैसला किया था। उन्होंने इसके पहले मीडिया से बातचीत में राज्यपाल के जरिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन हमें मौका नहीं दिया जा रहा है। राज्यपाल ऊपर से आ रहे दबाव के चलते राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं।