सचिन पायलट गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के स्पीकर के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक के बाद गहलोत समर्थक विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन में ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाये। ये विधायक मुख्यमंत्री गहलोत की अगुवाई में ही राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने और विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह करने राजभवन पहुंचे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वो सभी विधायक मिलकर राज्यपाल के पास जा रहे हैं और उनसे निवेदन करेंगे कि वो जल्द सदन बुलाने का फ़ैसला लें वरना हो सकता है कि पूरे देश की जनता राजभवन को घेरने आ गई तो उनकी ज़िम्मेदार नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने से इनकार किया है।
गहलोत का कहना है कि ‘ऊपर से दबाव’ के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में “दूध का दूध और पानी का पानी” हो जाएगा। गहलोत ने कहा, ”हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण वह (राज्यपाल) अभी विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे हैं।इस बात का हमें बहुत दुख है। जबकि हम सत्र बुलाना जाना चाहते हैं।”
Rajasthan: Chief Minister Ashok Gehlot meets Governor Kalraj Mishra, at Raj Bhawan in Jaipur. pic.twitter.com/3InchkeSr4
— ANI (@ANI) July 24, 2020
गहलोत ने कहा “सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र करने में बीजेपी किस निचले स्तर पर जाकर राजनीति कर रही है। लोकतंत्र खतरे में डाल रखा है, आयकर, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई के छापे मारे जा रहे हैं। ऐसा नंगा नाच देश के अंदर कभी नहीं देखा जो आज देखने को मिल रहा है।”
इसी बीच, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स (राज्यपाल ने कहा है कि कोरोना के कारण विधानसभा सत्र नहीं हो सकता है) सही हैं तब हम 200 विधायकों की कोरोना जांच कराने को राजी हैं। राजस्थान सरकार के एक मंत्री का कहना है कि कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है, तो राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना ही होगा।
बता दें कि राजस्थान विधानसभा से अयोग्य ठहराने के स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने वाली सचिन पायलट गुट की याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने ‘यथास्थिति बरक़रार’ रखने का आदेश दिया है। इसके बाद स्पीकर के नोटिस पर रोक लग गई है और सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों की सदस्यता पर फ़िलहाल कोई ख़तरा नहीं है।