देश में हिन्दू-मुसलमान के नाम पर जो जहर घोला जा रहा है। उससे पाक-साफ अब मासूमों का भी मन नहीं रहा है। उनके दिलों-दिमाग में भी अब धर्मों से जुड़े सवाल उठ रहे है। ऐसा ही मामला एक मां के साथ पेश आया। जिसे उन्होने अब सोशल मीडिया पर साझा किया है।
मेघना अथवानी नाम की यूजर ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि कुछ महीने पहले वह उबर पूल के माध्यम से दिल्ली में यात्रा कर रही थी। वह पहले से ही कार में सवार थी, फिर अपनी छोटी बेटी के साथ एक युवा महिला भी उसके कैब में बैठ गई और अंत में करीब एक किलोमीटर बाद एक मुस्लिम आदमी आगे की सीट पर बैठ गया। वह आदमी अपनी पारंपरिक सफेद टोपी पहन रहा था।
इस दौरान अचानक महिला के साथ बैठी छोटी बच्ची ने अपनी मां से पूछा, “ये अंकल शाम को टोपी क्यों पहन रखे हैं? मुस्लिम आदमी ड्राइवर के साथ बातचीत कर रहा था, लेकिन बच्ची के इस सवाल ने कार में सवार सभी का ध्यान उसकी तरफ हो गया। मां ने जवाब देते हुए बच्ची से कहा कि वह भी तो मंदिर जाते समय सिर पर दुपट्टा पहनती है। या जब कुछ बड़े मेहमान हमारे घर आते हैं? या जब दादा-दादी का पैर छूना होता है? यह सम्मान की निशानी है।
https://www.facebook.com/meghna.athwani/posts/2008892849130583
लेकिन मां के जवाब से बच्ची आश्वस्त नहीं थी। वह एक और सवाल के साथ अपनी मां से पूछी, लेकिन यह भैया किसका सम्मान कर रहे हैं? यहां कोई मंदिर भी नहीं है। यह किसी के पैर भी नहीं छू रहे हैं। और ना ही इस कार में बैठा कोई शख्स उम्र में उनसे बड़ा है। तो यह किसके सम्मान में टोपी पहने हैं? बच्ची का सवाल सुनकर मां हैरान हो गई थी। फिर मां ने बच्ची को बहुत शांति से जवाब देते हुए कहा, “उनके माता-पिता ने उन्हें हर किसी को सम्मान देने के लिए सिखाया है। जैसे मैं आपको अतिथियों को नमस्ते कहना सिखाती हूं।”
मेघना अथवानी द्वारा किया गया यह पोस्ट फेसबुक पर वायरल हो गया है। उनके बेटी को दिये जा रहे संस्कार की सभी तारीफ कर रहे है।