श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आईएएस अधिकारी से राजनेता बने शाह फैसल पर भी लगाया गया जन सुरक्षा कानून (पीएसए) हटा दिया है। हालांकि अभी कागजी प्रक्रिया चल ही रही है। अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद 2010 के आईएएस टॉपर को हिरासत में लिया गया था।
पिछले साल 13 अगस्त को जब फैसल दिल्ली हवाई अड्डे से इस्तांबुल के लिए फ्लाइट पकड़ने जा रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्हें वापस श्रीनगर लाया गया और नजरबंद कर दिया गया। करीब छह महीने बाद उन पर पीएसए लगा दिया गया। हालांकि गृह विभाग ने बुधवार को एक आदेश के जरिये इस आदेश को अब निरस्त कर दिया।
गृह विभाग ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी और पीर मंसूर के खिलाफ भी पीएसए हटा दिया। मदनी एक सरकारी बंगले में नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर के साथ रखे गये थे। उनकी हिरासत पांच मई को तीन महीने के लिये बढ़ा दी गई थी।
Good to hear @shahfaesal, Peer Mansoor & Sartaj Madani have been released from their unjust PSA detention. Disappointed that @MehboobaMufti, Sagar Sb & Hilal Lone continue to be detained. It’s high time they are set free as well.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 3, 2020
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने शाह फैसल की रिहाई पर ट्वीट किया। उमर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘शाह फैसल, पीर मंसूर और सरताज मदनी को पीएसए हिरासत से रिहा जाने पर खुश हूं। लेकिन महबूबा मुफ्ती, सागर एसबी और हिलाल लोन को अभी भी हिरासत में रखना निराशाजनक है। अब बहुत समय हो गया है इन सभी को भी रिहा कर कर देना चाहिए।’
बता दें कि जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) उन लोगों पर लगाया जा सकता है, जिन्हें सुरक्षा और शांति के लिए खतरा माना जाता हो। 1978 में शेख अब्दुल्ला ने इस कानून को लागू किया था। 2010 में इसमें संशोधन किया गया था, जिसके तहत बगैर ट्रायल के ही कम से कम 6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार चाहे तो इस अवधि को बढ़ाकर दो साल तक भी किया जा सकता है।