भारत और लक्जमबर्ग के बीच दो दशकों में पहली बार आयोजित शिखर बैठक को गुरुवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक आदान-प्रदान बढ़ाने की बहुत क्षमता है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कोरोना महमारी का जिक्र करते हुए कहा कि मानव जाति ने प्रकृति के साथ इतना खिलवाड़ किया है कि हम मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहे हैं और हमें मास्क पहन कर घूमना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लग्जमबर्ग के प्रधानमंत्री जेवियर बेटल को भारत आने का न्यौता भी दिया।
इस पर जेवियर बेटेल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, ‘हम भी आपका लग्जमबर्ग में स्वागत करते हैं।’ साथ ही वडोदरा में हुए ट्रक हादसे पर संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, मैं जानता हूं कि ये जगह आपके लिए बहुत मायने रखती है।
Speaking at the first ever India-Luxembourg bilateral summit with PM @Xavier_Bettel. https://t.co/xL3M2UJGCv
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2020
लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री जेवियर बेटेल से बातचीत के दौरान उन्होने कहा, ‘आज जब विश्व कोविड-19 महामारी की आर्थिक और स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहा है, भारत-लक्जमबर्ग के बीच सहयोग दोनों देशों के साथ-साथ दोनों क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुधारने में उपयोगी हो सकता है।’
मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र, कानून का राज और स्वतंत्रता जैसे साझा आदर्श हमारे संबंधों और आपसी सहयोग को मजबूती देते हैं. भारत और लक्जमबर्ग के बीच आर्थिक आदान-प्रदान बढ़ाने का बहुत क्षमता है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस्पात, वित्तीय तकनीक और डिजिटल डोमेन जैसे क्षेत्रों में हमारे बीच अभी भी अच्छा सहयोग है किंतु इसे और आगे ले जाने की अपार संभावनाएं हैं।’