जयपुर। जुमा की नमाज़ में मस्जिद जयपुर में ख़िताब करते हुए मौलाना सय्यद मुहम्मद कादरी ने कहा कि आज वक़्त की सबसे बड़ी ज़रूरत है कि आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान फाज़िले बरेली रहमतुल्ला अलैहि के तमाम मन्सूबों को अमली जामा पहनाया जाये. ताकि हमारी क़ौम तालीमी और मआशी मैदान में तरक़्क़ी कर सके. आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान ने जो तालीमात बयान फ़रमाई है उन पर अमल कर नागुज़ीर हो चुका है. जब तक उनकी तालीमात पर अमल नहीं करेंगे उस वक़्त तक हमारी तरक़्क़ी की राह हमवार नहीं हो सकती है.
उन्होंने अपने ख़िताब में कहा कि आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान ने आज से करीब 120 साल पहले धरम के नाम पर कट्टरता फ़ैलाने वाले आइडियोलॉजी से होशियार रहने और इस्लाम के बीच यानी संतुलित विचारधारा को अपनाने पर ज़ोर दिया था. इमाम अहमद रज़ा ने मुस्लिम कौम की रहनुमाई के लिए जिन 4 पॉइंट का उल्लेख किया था उसपर आज सख्ती के साथ अमल करने की ज़रूरत है, जिसमे रोज़गार और प्रेस यानी मीडिया के छेत्र में ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है.
इसी तरह हमीरपुर में अमन शहीद जमा मस्जिद के इमाम कारी तनवीर अहमद कुरैशी, कादरी मस्जिद शाश्त्री पार्क दिल्ली में मुफ़्ती अशफाक हुसैन, शम्सी जमा मस्जिद रतलाम में मौलाना बिलाल अहमद निजामी , जामा मस्नेजिद राजपुर भागलपुर बिहार में मौलाना मुहम्मद अबरार ने भी जुमा में खुतबे के दौरान उपरोक्त बातो पर ज़ोर दिया.