लड़किया किसी भी हाल में लड़को से कम नहीं होती बल्कि आज की लड़किया सशक्त और ज़िम्मेदार है इसी के चलते आज देश भर में एक लड़की ने नाम रोशन किया है जब हरियाणा की 26 वर्षीय महिला कैप्टेन ने भारतीय सेना की पहली महिला लड़ाकू एविएटर का तमगा हासिल करके सबको चौका दिया.
ऐसा पहली बार हुआ है जब सेना की एविएशन कोर में पहली बार कोई महिला पायलट चुनी गई हैं लेकिन अब कैप्टन अभिलाषा बराक की तैनाती बतौर कॉम्बेट पायलट हो चुकी है और वो इससे बेहद गौरान्वित महसूस कर रही है। नासिक में कॉम्बेट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल के दीक्षांत समारोह में कैप्टन अभिलाषा बराक सहित कुल 36 आर्मी पायलट्स को ‘विंग्स’ प्रदान किए गए थे जिसमे उनको इस उपाधि से नवाज़ा गया.
इन विंग्स को प्राप्त करके ये सारे आर्मी के रुद्र और लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच को अब उड़ा सकेंगे.
कैप्टन बराक के बारे में अगर बात करे तो ये हरियाणा की रहने वाली हैं और 2018 में उन्हें सेना की एविएशन कोर में कमीशन मिला था. इसके साथ ही वो कर्नल (रिटायर्ड) की बेटी हैं. वो देश की सैन्य छावनियों में पली-बढ़ीं, कैप्टन अभिलाषा बराक के लिए सेना में शामिल होना उनके करियर के लिए एक नार्मल सी बात थी और उन्हें यही करना था।
कैप्टन अभिलाषा बराक की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को इंडियन आर्मी एविएशन के इतिहास में ‘गोल्डेन लेटर डे’ के नाम से करार दिया गया है. इस गौरवशाली अनुभूति की जानकारी देते हुए सेना के अधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर जारी नोट में लिखा है कि ये इंडियन आर्मी एविएशन के इतिहास में स्वर्णिम दिन है.
कैप्टन अभिलाषा बराक ट्रेनिंग के कम्प्लीट होने के बाद एविएशन कॉर्प्स को कॉम्बैट एविएटर के रूप में ज्वाइन करने वाली पहली महिला बन गयीं हैं.