यूएई का एक हाई-प्रोफाइल प्रतिनिधिमंडल बुधवार को भारत का दौरा करेगा जिसके चलते भारत में अब इसको लेकर तैय्यारियाँ अब तेज़ हो गयी है।
इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों में व्यापारिक समुदाय को फरवरी 2022 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित Cepa से अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए सशक्त बनाता है और इसे 1 मई से प्रभावी कर दिया गया है।
यह यात्रा यूएई के प्रतिनिधिमंडल उन सुविधाओं से अवगत कराएगी जो दोनों देशो के बीच व्यवसाय को मज़बूत बनाने का काम करेगी और दोनों देशो में विकास के लिए एक दूसरे का साथ देगी और उस पर काम करेगी।
इस अजेंडा में इन सेक्टर्स को विकसित करना शामिल है जैसे : industrial production, civil aviation, financial services, ICT, food security, transport and infrastructure, logistical services, agri-technology, entrepreneurship, और अन्य future economic sectors.
भारत में, प्रतिनिधिमंडल भारतीय मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और निजी क्षेत्र के नेताओं के साथ Cepa के तहत गैर-तेल व्यापार विनिमय को सुविधाजनक बनाने और दोगुना करने के सर्वोत्तम तरीकों पर चर्चा की एक पूरी सीरीज़ आयोजित की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में प्रमुख भारतीय व्यापारियों, उद्यमियों और स्टार्ट-अप के साथ विस्तारित बैठकें भी करेगा। मुंबई में, अमीराती और भारतीय सार्वजनिक और निजी प्रतिनिधि संयुक्त अरब अमीरात-भारत आर्थिक भागीदारी शिखर सम्मेलन के लिए जमा होंगे और उसमे लोगो बेहतरीन जानकारी देंगे।
यूएई के प्रतिनिधिमंडल में 41 सरकारी और निजी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं जो बहुत बड़ा मंडल है। भारत 2021 में संयुक्त अरब अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था और यह दुनिया के साथ संयुक्त अरब अमीरात के व्यापार की कुल मात्रा का 9 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात के गैर-तेल निर्यात का 13 प्रतिशत था, जबकि गैर-तेल विदेशी 2021 में दोनों देशों के बीच व्यापार Dh165 बिलियन तक पहुंच गया, 2020 की तुलना में 66 प्रतिशत की वृद्धि।