यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते हैं पूरी दुनिया को कई तंगियों और महंगाई से गुज़रना पड़ रहा है लेकिन अब इसी बीच भारत के एक बयान के चलते यूएई में खलबली मच गई है दरअसल यूएई भारत से बड़ी मात्रा में गेहू लेता है लेकिन अब मोदी जी के बयान के कारण उसकी परेशानियों में इजाफा हो गया है।
दरअसल 14 मई को भारत सरकार की तरफ से गेहूं निर्यात पर बैन लगने का ऐलान कर दिया गया था ऐसा इसलिए किया गया है की भारत में बेहद गर्मी और हीट वेव चल रही है जिसके कारण भारत में गेहू का उत्पादन कम होने की आशंका है और इसी के चलते घरेलू बाजार में गेहू की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ गई है इसे देखते हुए भारत सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारतीय टीम के प्रमुख खरीदारों में से यूएई भी है जिसकी अब इस बयान के कारण परेशानी बढ़ गयी हैं वही यूएई के स्थानीय व्यापारियों का कहना है की दुनिया के दो प्रमुख गेहू उत्पाद रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहू में १० से १५ प्रतिशत तक की कीमतों में इज़ाफ़ा हुआ है।
इसी के चलते अल आदिल ट्रेडिंग के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ धनंजय दातार ने यूएई के एक प्रमुख अखबार से बातचीत में कहा कि युद्ध के कारण रूस और यूक्रेन से वैश्विक बाजार में गेहूं नहीं आ रहा है. भारत के गेहूं प्रतिबंध पर उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार ने महसूस किया कि बहुत मांग है और देश में गेहूं की कमी हो सकती है, जिसके चलते कीमतें भी बढ़ सकती हैं. इसलिए, उन्होंने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.’
इसके आगे उन्होंने कहा की उन्हें इस बात का अंदाज़ा था की कुछ महीनों में गेहूं पर प्रतिबंध लगने वाला है इसलिए उन्होंने पहले से ही 8 से 9 महीने का गेहूं स्टॉक में रख लिया है अधिकारियों ने कहा कि वह भारत सरकार से गेहू खरीदने के लिए अनुरोध करेंगी इसके पहले यूएई ने भारत से 330,707.74 मीट्रिक टन भारत से गेहूं की खरीदा था वह भारतीय गेहूं का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है।
उनसे पूछा गया कि अगर उनको भारत से गेहूं नहीं मिल पाता है तो वह क्या करते हैं तो उन्होंने कहा कि अगर उन्हें भारत से गेहू नहीं मिलता है तो ऑस्ट्रेलिया से उन्हेंआयात करना पड़ सकता है उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी आयात करने के लिए देश बन सकता है लेकिन वहां गेहूं की फसल पर्याप्त नहीं है पाकिस्तान गेम का स्टॉक कम है इसलिए अब एक ही विकल्प बचा है जोकि है ऑस्ट्रेलिया।