रमजान की तैयारियों को पूरा करने के लिए, दो पवित्र मस्जिदों के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी ने पूरे साल आराम से ज़ायरीन और विज़िटर्स इबादत कर सके इसके लिए 50,000 नए कालीनों के साथ दोनों पाक मस्जिदों को सजा दिया है।
ये कालीने काफी ख़ास हैं क्योकि इनमे टेक्निकल खूबिया भी मौजूद है जिसके चलते ज़ायरीन और विज़िटर्स को किसी भी प्रकार से इबादत करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रत्येक कालीन में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप और कोड होता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जुड़ी रेडियो-फ़्रीक्वेंसी पहचान द्वारा पढ़ा जाता है, जिसमें इसकी निर्माण तिथि, उपयोग के इतिहास, स्थान और धुलाई के बारे में जानकारी होती है।
मक्का में ग्रैंड मस्जिद में कालीन सफाई विभाग के निदेशक, जबेर अहमद अल-वदानी ने कहा कि नए फर्श के कवरिंग को बनने में 11 महीने लगे। उन्होंने अरब न्यूज को बताया कि वे हाई क्वालिटी वाले और शानदार शानदार कालीन है ताकि ज़ायरीन “पूरी श्रद्धा और शांति” के साथ अपनी इबादत कर सकें।
दो पवित्र मस्जिदों के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी ने 43 साल से नवीनतम और बेहतरीन तकनीक की मदद से कालीनों को साफ करने, सैनीटाइस करने, इत्र लगाने के लिए एक विशेषज्ञ विभाग की स्थापना की थी।
इसके पहले मक्का ग्रैंड मस्जिद के कालीन इतने सालों तक जर्मनी, बेल्जियम और लेबनान से इम्पोर्ट किए जाते थे। 1999 से 2000 तक, कालीन इम्पोर्ट करना बंद कर दिया गया था और मक्का के कारखाने में कालीनों का पहला बैच स्थापित किया गया था ।
सऊदी अरब में बने मक्का कालीनों के पहले 14 बैचों में कालीनों को लाल टोन के साथ बनाया गया था। बाद में, हरे रंग को अपनाया गया और यह रंग दोनों मस्जिदों में कालीनों के लिए मानक रंग बन गया था।