किस्वा (अरबी: سوة) वह कपड़ा है जो काबा को ढकता है। इसे हर साल 9वें धुल हिज्जा को बदल दिया जाता है, जिस दिन हज यात्री अराफात के मैदान में जाने के लिए रवाना होते हैं। किस्वा शब्द का अर्थ है ‘पोशाक’ और इसे ‘गिलाफ’ के नाम से भी जाना जाता है। कपड़ा रेशम और कपास से बुना जाता है और कुरान पाक की आयतों से सजाया जाता है।
किस्वा को आमतौर पर हज शुरू होने से दो महीने पहले तैयार किया जाता है। काबा के रखवाले, बानी शायबा परिवार के लोग इसको रख लेते है।
पुराने किस्वा को टुकड़ों में काट दिया जाता है और मुस्लिम देशों और गणमान्य व्यक्तियों को उपहार के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
यह लगभग 650 किलोग्राम प्राकृतिक रेशम से बना है जो इटली से आयात किया जाता है। इसमें 120 किलो सोने और चांदी के धागों का इस्तेमाल होता है जो जर्मनी से आते हैं। कढ़ाई की प्रक्रिया में लगभग 8-10 महीने लगते हैं।
200 से ज्यादा लोग हर साल किस्वा बनाने का काम करते हैं इसे बनाने में लगभग $4.5m (£3.4m) का खर्च आता है।
अभी हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमे किस्वा को बनते हुए दिखाया गया है और इसको किस तरह से बनाया जा रहा है इस पर वीडियो सामने आया है नीचे दिए हुए वीडियो में आप इसे देख सकते है और इसके साथ ही कई लोगो ने कहा है की “ये पहली बार है जब उन्होंने इसे बनते हुए देखा है ” ये वीडियो वायरल हो गया है।