अनादोलु समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुसलमानो की पाक किताब को जलाने की हालिया घटना के बाद चीन ने बुधवार को स्वीडन की जमकर आलोचना की है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने उस घटना का जिक्र करते हुए कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नस्लीय या सांस्कृतिक भेदभाव को भड़काने और समाज को अलग करने का कारण नहीं हो सकती है।”
चीनी दैनिक ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, वांग ने कहा, “हमें उम्मीद है कि स्वीडन मुसलमानों सहित और अल्पसंख्यक समूहों की धार्मिक मान्यताओं का ईमानदारी से सम्मान कर सकता है।”
पिछले हफ्ते, मुसलमान की पाक किताब क़ुरआन पाक की एक कॉपी जलाई गयी थी जिसके बाद उन्होंने कहा था की आगे रैलियों में वो ऐसा फिर से करेंगे, उन्होंने धमकी भरे अंदाज़ में ऐसा बोला था ।
तुर्की, सऊदी अरब और मुस्लिम देशों और संगठनों के एक मेजबान ने कुरान पाक को जलाने की निंदा की है, इस अधिनियम को मुसलमानों के खिलाफ उकसाने और उकसाने वाला कारनामा करार दिया है।
इसके साथ ही इस्लामिक सहयोग संगठन उन लोगों में शामिल था जिन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की।
इसके प्रमुख, हिसेन ब्राहिम ताहा ने “मुस्लिम विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कुरान पाक की प्रतियां जलाने की उत्तेजक कार्रवाइयों की निंदा की है, जो लिंकोपिंग, नॉरकोपिंग और स्वीडन के अन्य शहरों में हो रहे हैं।”