हामिद चोई योंग किल कुरान और साहिह-अल-बुखारी का कोरियाई में अनुवाद करने वाले पहले कोरियाई मुस्लिम बन गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रांसलेशन प्रोजेक्ट में लगभग 7 साल लगे। वर्तमान में, एक प्रीचर होने के अलावा, वह दक्षिण कोरिया के एक विश्वविद्यालय में लेक्चरर इन इस्लामिक स्टडीज और अरबी के लेक्चरर के रूप में भी काम करता है।
यह अनुवाद ऐसे समय में आया है जब दक्षिण कोरिया में मुसलमानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है हालाँकि ये एक माइनॉरिटी धर्म है लेकिन कुछ सालो में इसके मैंने वाले काफी बढे भी ।
कोरियाई मुस्लिम संघ के एक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में मुसलमानों की संख्या लगभग 200,000 है, जो कुल जनसंख्या का केवल 0.38 प्रतिशत है।
डॉक्टर कोई ने अपनी शिक्षा सऊदी अरब के मदीना के इस्लामिक विश्वविद्यालय में प्राप्त की थी। चोई ने कोरियाई और शाही बुखारी में जिन कार्यों का ट्रांसलेशन किया है, वे सभी उनके वैज्ञानिक कार्यों का हिस्सा हैं।
चोई ने 90 से अधिक अन्य पुस्तकें भी लिखी हैं, या तो स्वतंत्र रूप से या फिर ट्रांसलेशन कर के ।