उमराह सुरक्षा बलों के कमांडर मेजर जनरल मुहम्मद अल-बस्सामी ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक सफल उमराह करवाने के लिए सारी एजेंसीज और ऑर्गैनिसजेशन को एकीकृत किया गया है ताकि सारी चीज़े अच्छे से हो सके।
रमजान में उमराह ज़ायरीनों की तादाद बहुत ज़ायदा बढ़ जाती है जिसके चलते भीड़ को मैनेज करना पड़ता है इसके अलावा अल-बस्सामीने कहा कि सेंट्रल हरम इलाके में मास्क पहनना अनिवार्य है. उन्होंने मक्का में उमराह सुरक्षा बलों के कमांडरों के एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “पिछले वर्षो में कोरोना के चलते लागू की गयी गाइडलाइन्स को मद्देनज़र रखते हुए इस बार रमज़ान की तैयारी की गयी है ।”
अल-बसामी ने कहा कि उमराह ज़ायरीनों के लिए मताफ (पवित्र काबा के चारों ओर परिक्रमा क्षेत्र) और ग्रैंड मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर को अलॉट किया जाएगा और इसके साथ ही ज़ायरीनों के प्रवेश के लिए राजा अब्दुलअज़ीज़, राजा फहद, उमराह और अल-सलाम और अल-मारवाह प्रवेश द्वार को भी अलग रखा गया हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उमराह करने वालों को सारे एहकाम करने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है, जिसका उद्देश्य भीड़ को कण्ट्रोल करना है, जबकि जो लोग प्रार्थना करने आते हैं वे बिना परमिट के प्रवेश कर सकते हैं।
सुरक्षा बलों की रमजान योजना में सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, मानवीय सेवाएं प्रदान करना, सुरक्षा एजेंसियों को सशक्त बनाना और समर्थन करना है इसके अलावा अन्य सहायक सेवाओं सहित विभिन्न पहलू इसमें शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्रीय हराम क्षेत्र में मास्क पहनने का उद्देश्य ज़ायरीनों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है और यह स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों के तहत लागू किया गया नियम है।