यरुशलम में इस्लामिक अधिकारियों का कहना है कि रमज़ान के पाक महीने में लैलतुल कद्र, को चिह्नित करने और अपनी बक्शीश कराने के लिए अल-अक्सा मस्जिद में नमाज़ के लिए 250,000 लोग जमा हुए।
इबादतगुज़ारो ने बुधवार शाम को इस्लाम के सबसे पाक स्थलों में से एक, सोने की गुम्बद वाले डोम ऑफ द रॉक के पास, मस्जिद में इक्कट्ठा हुए। मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर मुहम्मद (PBUH) इसी जगह से जन्नत के लिए गए थे।
लैलत अल-क़द्र, बक्शीश की रात, मुसलमानों द्वारा उस रात को माना जाता है जब कुरान की पहली आयतें पैगंबर मुहम्मद (PBUH) पर नाज़िल हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि लैलत अल-क़द्र रमज़ान के अंतिम 10 दिनों की रातों में से एक पर पड़ती है.
इसे ढूंढ़ना पड़ता है इस रात जाग कर इबादत करने से इसके ढेरो सवाब है और इसके साथ ही गुनाहो की बक्शीश के लिए ये रात एहम है, हालाँकि कई Islamic scholars इसे आमतौर पर 27 वी शब को मानते है ।
इजराइल के द्वारा अटै’क, वेस्ट बैंक में गिर’फ्तारी छापे और यरुशलम के सबसे संवेदनशील पाक स्थल पर फिलिस्तीनियों पर इजरायली पुलि’स द्वारा हम’लों के बाद इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच बढ़ते त’नाव के बीच इबादतगुज़ार वहा जमा हुए लेकिन अच्छी बात ये है की बुधवार की रात कोई घ’टना नहीं हुई।
अल-अक्सा मस्जिद के परिसर को यहूदियों द्वारा टेंपल माउंट के रूप में भी माना जाता है। वे मुख्य रूप से वेलिंग वॉल पर पूजा करते हैं, जिसे अरबी में बुराक वॉल भी कहा जाता है।