अभिनेता रजनीकांत को 51 वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस खबर की पुष्टि की।
उन्होने ट्वीट किया, “भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे महान अभिनेताओं में से एक, 2020 के लिए दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा करते हुए खुशी हुई। अभिनेता, निर्माता और पटकथा लेखक के रूप में उनका योगदान प्रतिष्ठित रहा है। ”
Happy to announce #Dadasaheb Phalke award for 2019 to one of the greatest actors in history of Indian cinema Rajnikant ji
His contribution as actor, producer and screenwriter has been iconic
I thank Jury @ashabhosle @SubhashGhai1 @Mohanlal@Shankar_Live #BiswajeetChatterjee pic.twitter.com/b17qv6D6BP
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 1, 2021
केंद्रीय मंत्री ने जूरी को भी धन्यवाद दिया जिसमें आशा भोंसले, मोहनलाल, सुभाष घई, बिस्वजीत चटर्जी और शंकर महादेवन शामिल थे।
मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादासाहेब फ़ाल्के अवार्ड रजनीकांत को मिला है।
5 सदस्यों की ज्यूरी @ashabhosle @SubhashGhai1 @Mohanlal @Shankar_Live #BiswajeetChatterjee ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 1, 2021
प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा, ‘रजनीकांत ने अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से ये स्थान लोगों के दिल में जमा लिया है। ये उनका सही गौरव है। दादा साहब फाल्के अवॉर्ड इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दादा साहब फाल्के ने पहला सिनेमा 1913 में राजा हरिशच्रंद बनाया था। तो उस राजा हरिशचंद्र सिनेमा के बाद ये पहले चित्रपट महर्षि कहलाने लगे और दादा साहब फाल्के की मृत्यु के बाद ये अवॉर्ड उनके नाम से रखा गया और आजतक 50 बार ये अवॉर्ड दिया गया है।’
फिल्म उद्योग के उनके सहयोगियों और अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सुपरस्टार को बधाई दी। उन्हें बधाई देने वाले लोगों में से एक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी थे। रजनीकांत ने 25 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी। इस फिल्म में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं।