भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने विराट कोहली और एमएस धोनी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जिसमे उन्होने कहा कि उनके कार्यकाल में एक समय ऐसा भी था, जब एमएस धोनी वर्तमान कप्तान विराट को टीम में नहीं लेना चाहते थे।
दिलीप वेंगसरकर ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब श्रीलंका दौरे के लिए टीम चुनी जानी थी, तब उन्होंने कोहली का नाम आगे रखा क्योंकि वो युवा थे और उन्होंने अपनी कप्तानी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को अंडर 19 वर्ल्डकप जिताया था। वेंगसरकर के साथी चयनकर्ता भी कोहली को मौका देने के पक्ष में थे, पर कप्तान धोनी और कोच गैरा कर्स्टन कोहली को मौका नहीं देना चाहते थे। इन दोनों का कहना था कि अभी तक उन्होंने कोहली का खेल ठीक से देखा नहीं है और उन्हें अभी तैयार होने में समय लगेगा।
So Dilip Vengsarkar lost his BCCI Chairman post just because he wanted Virat Kohli over Subramanyam Badrinath in 2008. Vengsarkar should've got opportunity in past for believing in young man who was destined for greatness in future. India needs guys like him in the panel!
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) April 1, 2020
वहीं तत्तकालीन बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन और धोनी बद्रीनाथ के चयन का समर्थन कर रहे थे। जबकि बद्रीनाथ ने घरेलू क्रिकेट में खास प्रदर्शन नहीं किया था। श्रीनिवासन उस समय कोहली के चयन से खुश नहीं थे और उन्होंने बद्रीनाथ का समर्थन किया था। हालांकि दिलीप वेंगसरकर और उनकी सिलेक्शन कमेटी अपने फैसले पर अड़ी रही और उन्होंने विराट कोहली को टीम में सिलेक्ट किया।
वेंगसरकर ने कहा, विराट कोहली तकनीकी रूप से सक्षम थे इसके चलते हमारा मानना था कि उन्हें मौका मिलना चाहिए। हम श्रीलंका जा रहे थे और उनके लिए टीम में रहने की यह आदर्श स्थिति थी। मैंने जब उन्हें टीम में चुनने की बात की तो मेरे साथी सिलेक्टर्स ने कहा, दिलीप भाई जैसा आप ठीक समझो। जब धोनी और गैरी ने कहा, हमने उसे (विराट को) खेलते हुए देखा नहीं हैं तो मैंने कहा, भले ही आपने उसे खेलते हुए नहीं देखा है लेकिन मैंने उसे खेलते हुए देखा है और हमें उसे टीम में लेना ही होगा।